मोहब्बत तो इर्रादों की नई तस्वीर बन जाती
किसी का साथ हो इतना कहीं की पीर बन जाती
किसी के जश्न में शामिल हुए तो प्यार फिर आया
कहीं का प्यार न पाया तो ये जंजीर बन जाती
किसी का साथ हो इतना कहीं की पीर बन जाती
किसी के जश्न में शामिल हुए तो प्यार फिर आया
कहीं का प्यार न पाया तो ये जंजीर बन जाती
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