Monday 19 August 2013

जिंदगी 
हंसने गाने 
खुशियाँ मनाने
का त्योहार है
गम हैं हर पल
यहाँ पे क्यूंकि
अपनों से तकरार है

इस तकरार की
कीमत झेलतें
सब यार हैं
फिर दुःख
द्व्वेश ,कष्ट
और नफ़रत
की बहार है

क्यूँ नही समझतें हैं
वो कीमत सभी की
क्या मिला है
आज तक इतिहास
में भी  झाँक लो

मुल्क दुसरे ही
जो हमको लड़ाए हैं
आपसी रंजिश का
वही  फ़ायदा उठाएँ हैं

और
.......हम.......
दिल के तराजू पे
दिलवालों को तॊल के
इन्सान्यियत को
आज भी
नापाक करते आएँ हैं  

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