Thursday 24 April 2014

ज़माने की लगता नज़र लग गई है
बहुत साल बीतें हैं खुशियों के मेले 
मोह्हबत की राहों में ,भटकने की इच्छा तोह  न थी
पर मंज़िल का ठिकाना ,गुजरा ही उधर से 

Friday 4 April 2014

जीत गए जंग अब निशान एक  बाकी है
"इंडिया" अब आखिरी इम्तिहान एक बाकी है

शोर करे दुनिया तो हौंसला भी पायेंगें
कप की  ही बारी है जीत कर के लायेंगें

अब धुरंधर ही दहाड़ें बांग्ला मैदान पर
जीत कि खुशबु ही दीखती धरती माँ कि शान पर

पर आखिरी दशा का इम्तिहान अभी बाकी है
जीत गए जंग अब निशान एक बाकी है