यूँ ही गुजर गए थे दो पल
कुछ सपनों की ख्वाहिश में
दिल सबका आबाद ही रहा
बच्चों की फ़रमाइश में
हल्ला गुल्ली शोर शराबा
कितने रंग दिखाए थे
कितने ही मुस्काते चेहरे
उस महफिल में आये थे
पता नहीं कुछ होता क्या है
पता नहीं क्या हुआ जा रहा ?
बच्चे तो भोले भाले बन
हो अनजान से आये थे
यही हुनर है ये DRISTI है
यही समर्पण की सृस्टि है
जिसके सपनों को साकार
आज किये हम सब मिल यार
नए "जोश" ने ढंग दिखाया
जिसे 2K13 ले आया
ऐसे इच्छा सब दिखलाना
ऐसी DRISTI सब अपनाना
कुछ सपनों की ख्वाहिश में
दिल सबका आबाद ही रहा
बच्चों की फ़रमाइश में
हल्ला गुल्ली शोर शराबा
कितने रंग दिखाए थे
कितने ही मुस्काते चेहरे
उस महफिल में आये थे
पता नहीं कुछ होता क्या है
पता नहीं क्या हुआ जा रहा ?
बच्चे तो भोले भाले बन
हो अनजान से आये थे
यही हुनर है ये DRISTI है
यही समर्पण की सृस्टि है
जिसके सपनों को साकार
आज किये हम सब मिल यार
नए "जोश" ने ढंग दिखाया
जिसे 2K13 ले आया
ऐसे इच्छा सब दिखलाना
ऐसी DRISTI सब अपनाना