उड़ान गर ऊँची न हो तो ,मज़ा नहीं है
मज़बूरियों से ही रास्ते खुलें,तो सजा नहीं है
चाक चौबंद होके ,मोह्हबतों से ही गुमराह हो जाना
ऐसा इश्क़ करने कि भी कोई वज़ह नहीं है
मज़बूरियों से ही रास्ते खुलें,तो सजा नहीं है
चाक चौबंद होके ,मोह्हबतों से ही गुमराह हो जाना
ऐसा इश्क़ करने कि भी कोई वज़ह नहीं है
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