किसी मज़हब पे मिट जाना हमें अच्छा नहीं लगता
कभी वादों से हट जाना हमें अच्छा नहीं लगता
तुम्हारी शोखियाँ उठतीं हैं सम्माए फरिस्तों पे
तुम्हें यूँ देख अनजाना हमें अच्छा नहीं लागता
कभी वादों से हट जाना हमें अच्छा नहीं लगता
तुम्हारी शोखियाँ उठतीं हैं सम्माए फरिस्तों पे
तुम्हें यूँ देख अनजाना हमें अच्छा नहीं लागता
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