उड़ने के लिए भी तो इंसान नहीं हैं हम
बढ़ने को जैसे दिल में तूफ़ान लिए हैं हम
हम तो वो खुशबु हैं जो ज़माने को महक देते हैं
पर किसी ज़माने के मोह्हबत की पहचान नहीं हैं हम
बढ़ने को जैसे दिल में तूफ़ान लिए हैं हम
हम तो वो खुशबु हैं जो ज़माने को महक देते हैं
पर किसी ज़माने के मोह्हबत की पहचान नहीं हैं हम
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