Thursday 28 November 2013

मैं रंग हूँ ,आवाज़ हूँ ,अंदाज़ हूँ ,तुम्हारा हूँ ,
मैं धड़कनों की नाज़ हूँ ,फिर भी मैं गँवारा हूँ

ये ज़ुल्म की है दुनिया ,इस सोच का सहारा हूँ
प्यार कर के देख लो ,आज भी तुम्हारा हूँ

हम दर्द नहीं देते , की  प्यार की  ख़ताएँ
आँखों से अश्रु पोंछें ,थोडा तो मुस्कुराएँ

अंजाम ले के जीना , इल्ज़ाम का सहारा
ये आज का है आशिक़ ,इस दौर में ये हारा

चाहे  रंग बदल डालो ,आवाज़ भुला दो तुम
ये इश्क़ का फ़साना अब क़ब्र तक चलेगा

जब धड़कनों  ने  की हैं ऐसी मधुर ख़ताएँ
तब दिल का क्या ठिकाना हम भी तो मुस्कुराएँ

इस सोच से उठो तुम ,ये सोच बदल डालो
ये इश्क़ की है दुनिया हरदम जियो नया सा 

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