मोह्हबत प्यार का अफ़साना ,
कहीं तुम भूल न जाना
मुझे तुम याद ही आना
यही होता है पैमाना
गुनाहें अश्क न होती
मोह्हबत यूँ न जो होती
मगर मंज़ूर होता है
दिलों का नूर होता है
तंमनायें बदलती हैं
किसी मुश्किल से वादों पर
कहीं मंज़र बदल जाते
किसी मुश्किल इरादों पर
मोह्हबत वो नहीं होती कि
तुम बदनाम हो जाओ
मोह्हबत तो जमानें में
सदा बदनाम करती है
कहीं तुम भूल न जाना
मुझे तुम याद ही आना
यही होता है पैमाना
गुनाहें अश्क न होती
मोह्हबत यूँ न जो होती
मगर मंज़ूर होता है
दिलों का नूर होता है
तंमनायें बदलती हैं
किसी मुश्किल से वादों पर
कहीं मंज़र बदल जाते
किसी मुश्किल इरादों पर
मोह्हबत वो नहीं होती कि
तुम बदनाम हो जाओ
मोह्हबत तो जमानें में
सदा बदनाम करती है