" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Thursday 10 October 2013
मैं तेरे झोंके में मदहोश हुई हूँ
राधा बन कान्हा की खामोश हुई हूँ
प्यार का फसाना अफसाना न बन जाये !!
यही सोच सोच मैं बेहोश हुई हूँ
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment