" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Tuesday 1 October 2013
भुला देती दुनिया ,मनाती नहीं हैं
हुआ क्या था उस दिन बताती नहीं है
मनाते हैं हम तो जनम आज दिन भी
कलम लिखती कुछ है सुनाती नहीं है
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