माँ तेरे चरणों में हूँ आया
अपना रज, तम, भी मैं लाया
मन की हर मैली काई को
तेरे शरणो में छोड़ चलूँ
ऐसा ही बल हमको देना
माँ अपनी काँति हमें देना
अपनी हर शांति हमें देना
माँ देना तो ऐसा वर देना
हर क्षण ,हर कण ,हर पल जीवन
श्रधा ,भक्ति ,में चूर रहे
अपना रज, तम, भी मैं लाया
मन की हर मैली काई को
तेरे शरणो में छोड़ चलूँ
ऐसा ही बल हमको देना
माँ अपनी काँति हमें देना
अपनी हर शांति हमें देना
माँ देना तो ऐसा वर देना
हर क्षण ,हर कण ,हर पल जीवन
श्रधा ,भक्ति ,में चूर रहे
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