Sunday 6 October 2013

माँ तेरे चरणों में हूँ आया
अपना रज, तम, भी मैं लाया
 मन की हर मैली काई को
तेरे शरणो  में छोड़ चलूँ
ऐसा ही बल हमको देना

माँ अपनी काँति  हमें देना
अपनी हर शांति हमें देना
माँ देना तो ऐसा वर देना
हर क्षण ,हर कण ,हर पल जीवन
श्रधा ,भक्ति ,में चूर रहे


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