Tuesday 1 October 2013

टूटे हुए दिल में आवाज़ नहीं होती ,
इस रौशनी की चमक भी अंधकारों में है खोती,
दिल काँच का टूटा मगर जुड़ने की चाहत लाया है ,लेकिन ,
ज़माने में फैले इन अंधकारों को तो देखो !!!
ये आज भी इसे न जुड़ा पाया है  

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