" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Thursday 24 April 2014
मोह्हबत की राहों में ,भटकने की इच्छा तोह न थी
पर मंज़िल का ठिकाना ,गुजरा ही उधर से
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