ये तोहफे ज़िन्दगी के हैं ज़माने की जरुरत पे
इन्हें तुम बेरुखी से यूँ न आजमाना
हैं माना शोखियाँ तेरी, कहीं लाखों से कम नहीं
पर इन तोहफों की कीमत क्या किसी बाज़ार में होगी ???
इन्हें तुम बेरुखी से यूँ न आजमाना
हैं माना शोखियाँ तेरी, कहीं लाखों से कम नहीं
पर इन तोहफों की कीमत क्या किसी बाज़ार में होगी ???
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