हे माता
आपसे जोड़ना है हमको अपना नाता। हे माता
हम बालक अज्ञानी हैं निस दिन नई कहानी है
जीवन है या पानी है नहीं समझ ही आता हे माता।
इच्छा है अपने जन से ,इस विचरण मन के प्रण से
तेरा सुमिरन हर कण से ,मैं ध्यान धरूँ ,मैं भजन करूँ
तुझे पाने की बस ज़तन करूँ
हे शुभ्रज्योत्स्ना माता
हे माता
आपसे जोड़ना है हमको अपना नाता। हे माता
हम बालक अज्ञानी हैं निस दिन नई कहानी है
जीवन है या पानी है नहीं समझ ही आता हे माता।
इच्छा है अपने जन से ,इस विचरण मन के प्रण से
तेरा सुमिरन हर कण से ,मैं ध्यान धरूँ ,मैं भजन करूँ
तुझे पाने की बस ज़तन करूँ
हे शुभ्रज्योत्स्ना माता
हे माता
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