Tuesday 27 August 2013

मुझे प्यार क्यूँ हो जाता ??
हर उन तमाम लफ़्ज़ों से
जिनको कोई सुनना  भी
पसंद नहीं करता क्यूंकि
कवी का खून हूँ मैं

उबल जाता हूँ
हर उस समस्या पर
जिसका निदान भी
निकलना
नामुमकिन है
मैं क्यूँ कवी का
ही खून हूँ

काश !!!
मैं किसी नेता के रगों
में दौड़ता
कभी भी मुझमे
कमी नहीं होती
किसी विटामिन की

जो वो अक्सर
लेता रहता है
गरीबों के खून से,
तरह तरह के वादों को
पीने का भी अनुभव होता
झूठ ,फरेब और धोखे की
नयी दुनिया में जीने
का मज़ा ही
कुछ और होता

काश!!
काश !!
मैं कवी का खून न होता


No comments:

Post a Comment