तलाश नए लड़के की
आज कल के ज़माने में
नौउवा आश्चर्य आता है
शादी के सीजन आए तो
पप्पू फिर सर्माता है
इस बार नई सी फरमाइश
ले कर आये लड़की वाले
हमको दिलवाओ ऐसा वर
जो पान ,पुकार न खाता हो
न करता हो मदिरा सेवन
धुवां न कभी उडाता हो
मैंने बोला तुम सटक गए
इसमें तुम फिर से अटक गए
जो और बची कोई इच्छा हो
उसको भी करो बयां जरा
वे बोले ;
हाँ ,मै कुछ भुला था
बातों में मै भी झुला था
लड़का तो हो सात्विक कुल से
हर सुबह शाम ले राम नाम
जीवन को सफल बनता हो
शाकाहारी ही खाता हो
मैंने माथे की भृकुटी को
आँखों तक खीच चढ़ाया था
गुस्से में आंखे लाल किये
मै थोडा फिर सकुचाया था
फिर तब जवाब की बारी थी
कानों ने की तयारी थी
पंडित तुमको ऐसा लड़का
I.C.U. में मिल जायेगा
तुम तुरत अभी ही खुद खिसको
कोई तो नज़र ही आयेगा
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