प्याज की बढती कीमतों के परिणाम स्वरूप
प्रेमी -प्रेमिका की तीखी नोंक झोंक के रूप में प्रस्तुत हास्य
अभी गुमनाम करता हूँ
तुम्हें अनमोल तोहफा दूँ
कुछ इंतज़ाम करता हूँ
चलो अब दे दिया
पा तुम जिसे
आंसू बाहोगी
अभी जो दिख
रही है ये
सभी शामों ,शहर
तो कुछ नहीं चिंता
बदलते वक़्त के ही साथ
फिर म्य्सियम में पाओगी
आता जो कभी शेलाब था
चाकू लगाने पर
वो आयेगा
नहीं दिन दूर
नहीं दिन दूर
बस बाजार जाने पर
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