"ऐ दिल ठहर जा ज़रा फिर मुहब्बत करने चला है तू "
तब दिल बोला - बस ...!!!
अब बहुत हुआ उपदेश तेरा
इससे मैं तो बदनाम हुआ
सारे नुस्खे मेरे कंधे
तेरा ही तेरा नाम हुआ
ज़माने की हर खूबसूरत काली
मैने पत्थर रक्खा जब इधर वो चली
तुमको क्या है पता कितना दुख है भरा
जान कर आज ये सारी कलियाँ
तो अब सूखती ही चलीं
मैंने बोला -
अभी क्यूँ तू घबराता है
याद तुझको जो तेरा समय आता है
नयी कलियाँ हैं फिर तो खिलेंगीं अभी
फूल मुरझायेंगें जब खिलेंगीं तभी
है यही रीति जग मे सदा के लिए
मिटती हस्ती है अपनी वफ़ा के लिए
तब दिल बोला - बस ...!!!
अब बहुत हुआ उपदेश तेरा
इससे मैं तो बदनाम हुआ
सारे नुस्खे मेरे कंधे
तेरा ही तेरा नाम हुआ
ज़माने की हर खूबसूरत काली
मैने पत्थर रक्खा जब इधर वो चली
तुमको क्या है पता कितना दुख है भरा
जान कर आज ये सारी कलियाँ
तो अब सूखती ही चलीं
मैंने बोला -
अभी क्यूँ तू घबराता है
याद तुझको जो तेरा समय आता है
नयी कलियाँ हैं फिर तो खिलेंगीं अभी
फूल मुरझायेंगें जब खिलेंगीं तभी
है यही रीति जग मे सदा के लिए
मिटती हस्ती है अपनी वफ़ा के लिए
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