" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Sunday 1 September 2013
ये दीप जलाया न मैंने
चिंगारी पहले ही फूटी
हमने तो इन्ही हवाओं का
बस रुख थोडा सा मोड़ा है
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