Sunday 15 September 2013

कुछ  बातें कही नहीं जाती,ये ज़ज्बात  समझने के होते हैं
कुछ पल फिर नहीं आते ,ये बस यादों में  फेरे से बस जाते हैं
ये जोड़ी क्या पता ,कब तलक  ,चल पायेगी ,हंसाएगी या रुलाएगी।
पर ये ज़रूर है पता ,जब भी दूर जाएगी ,तब एक दुसरे को नहीं हंसा पायेगी
  

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