ए ज़िंदगी !!
क्या पता है तुझे ?
मैं तेरे बिना आज भी
उदास बना फिरता हूँ
गुज़रता हूँ उन गलियों से
पर मुस्कुराता नही
सोने की कोशिश तो बहुत की
पर और कोई ख़्वाब आता नही ..
ए ज़िंदगी ..
तेरा चेहरा हसीन ज़रूर है
मगर गुमराह हूँ ,तेरी अदाओं से
पूछता हूँ मैं गलियों से ,
रास्ते कहाँ हैं ??
ए ज़िंदगी ...
क्या पता है तुझे ?
मैं तेरे बिना आज भी
उदास बना फिरता हूँ
गुज़रता हूँ उन गलियों से
पर मुस्कुराता नही
सोने की कोशिश तो बहुत की
पर और कोई ख़्वाब आता नही ..
ए ज़िंदगी ..
तेरा चेहरा हसीन ज़रूर है
मगर गुमराह हूँ ,तेरी अदाओं से
पूछता हूँ मैं गलियों से ,
रास्ते कहाँ हैं ??
ए ज़िंदगी ...
No comments:
Post a Comment