Monday 2 December 2013

उदास पलकों से आँखों में समंदर छा गए हैं
प्यार की इस बरसात में हम अकेले आ गए हैं
करके जीवन तार  तार वो  हमें देख मुस्काते हैं
हया छिपी है आँखों में फिर भी न ही शर्माते हैं

जब जीवन तुझपे वार दिया
तब अब कैसा इतराना है
जब हया छुपा के प्यार किया
तब फिर कैसा शर्माना है

बस लाज़  ज़माने से आयी
जो डर डर आँखें चार किया
वो शरम छुपा के भी मैंने
ये  दिल तुझको हर बार दिया

वो मोती चाहत के मैंने
तेरे ही नाम पिरोये हैं
जब याद नहीं तेरी आयी
तो ही बस याद में रोये हैं

तुम गैर कहो या आवारा
है प्यार तभी तुम खोये हो
तुम लाख छुपा लो दुनिया से
करके बदनाम भी रोये हो

तेरी हर बातें मुझपे ही
मेरी हर साँसें तुझपे ही
बस ऐसा ही ये लगता है
दिल तेरे नाम धड़कता है
दिल मेरे नाम धड़कता है

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