Friday 13 December 2013

पुराने ख़्वाब को ले के
नयी राहों पे चलता हूँ
फ़िज़ाएँ  ये नहीं कहतीं
कहीं गुमसुम पराया हूँ

हमें यूँ दर्द न होता
तुम्हीं से दूर जाने पर
अगर हम भूल ही पाते
तुझे ,मुझको भुलाने पर

यही तो प्यार था प्रियवर
जताया भी नहीं जाता
हो कैसा दर्द भी दिल में
बताया भी नहीं जाता  

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