पुराने ख़्वाब को ले के
नयी राहों पे चलता हूँ
फ़िज़ाएँ ये नहीं कहतीं
कहीं गुमसुम पराया हूँ
हमें यूँ दर्द न होता
तुम्हीं से दूर जाने पर
अगर हम भूल ही पाते
तुझे ,मुझको भुलाने पर
यही तो प्यार था प्रियवर
जताया भी नहीं जाता
हो कैसा दर्द भी दिल में
बताया भी नहीं जाता
नयी राहों पे चलता हूँ
फ़िज़ाएँ ये नहीं कहतीं
कहीं गुमसुम पराया हूँ
हमें यूँ दर्द न होता
तुम्हीं से दूर जाने पर
अगर हम भूल ही पाते
तुझे ,मुझको भुलाने पर
यही तो प्यार था प्रियवर
जताया भी नहीं जाता
हो कैसा दर्द भी दिल में
बताया भी नहीं जाता
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