Sunday 8 December 2013

बादलों से ढूंढ कर पह्चान लो तुम्हारा हूँ
आज न मैं अनजान न ही आवारा हूँ
मदहोश कर जाती हैं अदाएँ इसीलिए
आज कल इन इल्ज़ामों का मारा हूँ

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