Thursday 19 December 2013

वो सुर्ख फ़िज़ाएँ रौशन हैं
जिसमें तेरा दीदार हुआ
अब हवा की  खुशबु कहती है
मुझे  इसी जहन से प्यार हुआ

अफ़साने गीत सुनते हैं
सब मधुर मधुर ही गाते हैं
सपना बन जीवन तार हुआ
अब सुर्ख फ़िज़ाएं कहती हैं
मुझे इसु जहन से प्यार हुआ 

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