" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Saturday 7 December 2013
चमक देख चाँदनी परेशान होती
हर दिलों में ऐसी पहचान नहीं होती
माँगता हूँ खुदा से उसका नूर क्यूंकि
हर जश्नों में ऐसी जान नहीं होती
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