कुछ ऐसे भी चेहरे हैं
जिनके अल्फ़ाज़ों में
रंग ही सजता था
बदल गए अंदाज़ पुराने
उन शख्सों से आज पुराने
बदल न पायी जीवन की
बिसरी यादोँ का खेल नया
वो आज ज़माना छूट गया
उस रंग से रौनक रूठ गया
अब दिल की स्याही सूखी है
लगता किस्मत भी रूठी है
चेहरे अनजान से लगते हैं
बिखरे अब जान से लगते हैं
स्याही का मोल समझ लेना
ये है अनमोल समझ लेना
जिनके अल्फ़ाज़ों में
रंग ही सजता था
बदल गए अंदाज़ पुराने
उन शख्सों से आज पुराने
बदल न पायी जीवन की
बिसरी यादोँ का खेल नया
वो आज ज़माना छूट गया
उस रंग से रौनक रूठ गया
अब दिल की स्याही सूखी है
लगता किस्मत भी रूठी है
चेहरे अनजान से लगते हैं
बिखरे अब जान से लगते हैं
स्याही का मोल समझ लेना
ये है अनमोल समझ लेना
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