दिल कि करून हुई भावना से कर पुकार
हांथ की लकीरें कामयाब हो जाएंगीं
फिरता है भटकते हुए आज जिन उमंगों पे तू
बाद तेरी मस्तियों का ख्वाब बन जायेंगीं
हांथ की लकीरें कामयाब हो जाएंगीं
फिरता है भटकते हुए आज जिन उमंगों पे तू
बाद तेरी मस्तियों का ख्वाब बन जायेंगीं
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