Saturday 25 January 2014

हर पीर फ़कीर इलाही से 
आरज़ू चमन की चाह नहीं 
बस चाह सदा हर खवाबों से 
इस वतन के आगे राह नहीं 
वंदे मातरम जय भारत 
जय हिन्दोस्तान ..

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