अगर मायूस हो खुद से
तो थोड़ी गुफ़तगू कर लो
मोह्हबत में सितमगर
ही मुलाकातें बढ़ाते हैं
निशाँ अपनी कहानी का
वो अक्सर छोड़ जाते हैं
वफ़ा की आरज़ू करलो
तो सपनें टूट जाते हैं
जो तुम मायूस हो खुद से
तो अपने रूठ जाते हैं
इसी छोटी से दुनिया की
बड़ी लम्बी कहानी है
कोई समझे तो सागर है
नहीं बारिश का पानी है
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