Friday 3 January 2014

नए तरंगों को छूने को 
अब तेरा आग़ाज़ हुआ है 
स्वागत तेरा आज हुआ है 

नए साल का नया शोर है 
बीता कल जैसे कठोर है 
समय मांग है फिर छा जाना 
नए साल तुम ऐसे आना 

कुछ उम्मीदें हैं अब तुमसे 
उन सपनों में पंख लगाना 
नए साल तुम ऐसे आना

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