" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Monday 3 August 2015
अगर आरज़ू की ज़रूरत नहीं है
तो ज़नाजे से बेहतर कहाँ ज़िंदगी है
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