" इश्क़ के दरिया में बह कर हम एक किनारा ढूंड लेंगे, तुम अगर जो साथ मेरे तुम जो हर पल पास मेरे "
Sunday 23 March 2014
दिल की आरज़ू ये पुकार करती है
परिंदों को पाने का ऐतबार करती है
जहाँ भी लगता है कभी तो बहुत छोटा सा
कभी ये ज़िंदगी इस जहाँ पे मरती है
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